यहाँ बॉलीवुड की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित 10 दिलचस्प किस्से हैं
1. "लगान" (2001): यह महाकाव्य खेल नाटक ब्रिटिश शासन के दौरान सेट किया गया था और भारतीय ग्रामीणों के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ क्रिकेट मैच के माध्यम से लड़ने की कहानी थी। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
लगान (2001):
निर्देशक: आशुतोष गोवारिकर
कहानी: यह फिल्म 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान की कहानी बताती है, जब भारतीय किसान अत्यधिक कर (लगान) के बोझ तले दबे थे। फिल्म की कहानी चंपानेर गाँव के निवासियों पर केंद्रित है, जिन्हें अपने ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ एक क्रिकेट मैच खेलना पड़ता है। अगर वे मैच जीत जाते हैं, तो उन्हें कर से मुक्त कर दिया जाएगा। आमिर खान ने इस फिल्म में भुवन का मुख्य किरदार निभाया है, जो गाँव के किसानों का नेतृत्व करता है। इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की, बल्कि इसे ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के लिए नामांकित भी किया गया।
प्रमुख कलाकार: आमिर खान, ग्रेसी सिंह, राचेल शेली
किस्सा: जब आमिर खान ने "लगान" की कहानी सुनी, तो उन्हें पहले इसे बनाने में संदेह था। लेकिन उन्होंने आशुतोष गोवारिकर को एक मौका देने का फैसला किया, और फिल्म बनने के बाद इसका विषय और प्रस्तुति इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने फिल्म के निर्माण में भी निवेश किया। इसके अलावा, फिल्म का सेटिंग और क्रिकेट मैच की ट्रेनिंग इतनी वास्तविक थी कि सभी कलाकारों को क्रिकेट खेलना सीखना पड़ा। यह भी कहा जाता है कि फिल्म में ब्रिटिश सैनिकों का रोल निभाने वाले कुछ कलाकार असल में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए क्रिकेट खेल चुके थे।
2. "रंग दे बसंती" (2006): यह फिल्म आधुनिक युवाओं की कहानी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों की कहानी के साथ जोड़ती है। इसने भारत में सामाजिक सक्रियता की एक लहर पैदा की और भ्रष्टाचार के खिलाफ वास्तविक जीवन के विरोध प्रदर्शनों को प्रेरित किया।
निर्देशक: राकेश ओमप्रकाश मेहरा
कहानी: इस फिल्म में एक ब्रिटिश फिल्म निर्माता की कहानी है जो भारत आकर अपने दादा के स्वतंत्रता संग्राम के अनुभवों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहती है। फिल्म के लिए जब वह आधुनिक भारतीय युवाओं को स्वतंत्रता सेनानियों का किरदार निभाने के लिए चुनती है, तो वे स्वयं प्रेरित होकर भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने लगते हैं। फिल्म ने युवाओं के बीच गहरी छाप छोड़ी और इसे सामाजिक सक्रियता का प्रतीक माना गया।
प्रमुख कलाकार: आमिर खान, सिद्धार्थ, शरमन जोशी, सोहा अली खान
किस्सा: फिल्म के निर्माण के दौरान, निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने पात्रों के चयन में काफी समय लिया। उदाहरण के लिए, सिद्धार्थ को कास्ट करने का विचार बाद में आया, जब वे पहले से ही एक लोकप्रिय अभिनेता बन चुके थे। आमिर खान ने खुद अपने किरदार के लिए कई किलोग्राम वजन कम किया और युवा दिखने के लिए एक सख्त डाइट और एक्सरसाइज का पालन किया। फिल्म के गाने "रूबरू" को शूट करते समय एक सीन में लाइटिंग में एक गलती हुई थी, जिसे उन्होंने बरकरार रखा क्योंकि यह वास्तविक दिखता था।
3. "शहीद" (1965): भगत सिंह के जीवन और भारत की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष पर आधारित इस जीवनी फिल्म में पहली बार क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी की कहानी को चित्रित किया गया था। मनोज कुमार की भगत सिंह के रूप में प्रस्तुति आज भी एक आदर्श मानी जाती है।
निर्देशक: एस. राम शर्मा
कहानी: "शहीद" भारतीय क्रांतिकारी भगत सिंह के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में भगत सिंह के बचपन से लेकर उनके स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय होने और अंततः उनके बलिदान तक की कहानी को चित्रित किया गया है। यह फिल्म उस समय की एक महत्वपूर्ण जीवनी फिल्म थी और भगत सिंह की विरासत को भारतीय सिनेमा में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया।
प्रमुख कलाकार: मनोज कुमार, कमिनी कौशल, प्राण
किस्सा: मनोज कुमार को जब भगत सिंह का रोल ऑफर हुआ, तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया क्योंकि भगत सिंह उनके प्रेरणा स्रोत थे। इस फिल्म के लिए मनोज कुमार ने खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार किया। फिल्म की शूटिंग के दौरान, एक सीन में मनोज कुमार को एक दीवार पर चढ़ना था, लेकिन वह वास्तविकता में गिर पड़े और उन्हें चोट भी आई। लेकिन उन्होंने शूटिंग जारी रखी, जिससे फिल्म में वास्तविकता की भावना बनी रही।
4. "मंगल पांडे: द राइजिंग" (2005): यह फिल्म मंगल पांडे के जीवन पर आधारित थी, जिनके 1857 के विद्रोह ने भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम को जन्म दिया। आमिर खान की मंगल पांडे के रूप में प्रस्तुति को व्यापक सराहना मिली थी।
निर्देशक: केतन मेहता
कहानी: यह फिल्म 1857 के भारतीय विद्रोह के नायक मंगल पांडे के जीवन पर आधारित है, जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला योद्धा माना जाता है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे मंगल पांडे ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह किया और इस विद्रोह ने पूरे भारत में स्वतंत्रता संग्राम की लहर पैदा कर दी।
प्रमुख कलाकार: आमिर खान, रानी मुखर्जी, अमीषा पटेल, तोबी स्टीफेंस
किस्सा: आमिर खान ने मंगल पांडे के रोल के लिए दो साल का ब्रेक लिया और खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने में समय लगाया। उन्होंने इस दौरान अपने बाल और मूंछें बढ़ाई। फिल्म के लिए आमिर खान ने घोड़े की सवारी और तलवारबाजी की गहन ट्रेनिंग ली। आमिर ने फिल्म में वास्तविकता लाने के लिए काफी मेहनत की, जिससे उनका किरदार और प्रभावशाली बना।
5. "गांधी" (1982): हालांकि यह एक ब्रिटिश-भारतीय उत्पादन था, "गांधी" महात्मा गांधी के जीवन को चित्रित करने वाली एक महत्वपूर्ण फिल्म है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे। इस फिल्म ने आठ अकादमी पुरस्कार जीते, जिसमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक भी शामिल हैं।
निर्देशक: रिचर्ड एटनबरो
कहानी: यह फिल्म महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। फिल्म में गांधी के जीवन की प्रमुख घटनाओं को दर्शाया गया है, जैसे दक्षिण अफ्रीका में उनका नस्लवाद के खिलाफ संघर्ष, भारत में उनकी वापसी, असहयोग आंदोलन, और अंत में भारत की स्वतंत्रता। इस फिल्म को दुनिया भर में सराहा गया और इसे आठ ऑस्कर पुरस्कार मिले।
प्रमुख कलाकार: बेन किंग्सले, रोहिणी हट्टंगड़ी, रोशन सेठ
किस्सा: बेन किंग्सले, जिन्होंने महात्मा गांधी का किरदार निभाया, उन्होंने भूमिका में पूरी तरह से ढलने के लिए भारतीय जीवनशैली को अपनाया। वे शूटिंग के दौरान काफी समय तक भारतीय पोशाक पहनते रहे और गांधीजी की तरह ही साधारण जीवन जीने की कोशिश की। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक सीन में लाखों लोगों ने भाग लिया था, जो अब तक का सबसे बड़ा भीड़ सीन माना जाता है।
6. "द लेजेंड ऑफ भगत सिंह" (2002): भगत सिंह पर आधारित एक और फिल्म, जिसमें अजय देवगन ने मुख्य भूमिका निभाई। इस फिल्म में क्रांतिकारी के विचारधारा और उनकी शहादत की यात्रा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
निर्देशक: राजकुमार संतोषी
कहानी: यह फिल्म भगत सिंह के जीवन पर आधारित है, जिसमें उनके क्रांतिकारी विचारों, संघर्षों, और शहादत को दिखाया गया है। फिल्म में भगत सिंह के विचारधारा को विशेष रूप से उभारा गया है और इस बात पर जोर दिया गया है कि वे कैसे अपने विचारों के लिए जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार थे।
प्रमुख कलाकार: अजय देवगन, सुशांत सिंह, अमृता राव
किस्सा: अजय देवगन ने भगत सिंह के रोल के लिए काफी रिसर्च की। वे भगत सिंह के परिवार से भी मिले और उनसे भगत सिंह के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की। इस फिल्म के लिए, अजय ने भगत सिंह के भाषणों और लेखों को भी पढ़ा ताकि वे उनके विचारों और भावनाओं को सही ढंग से प्रस्तुत कर सकें। फिल्म की एक खासियत यह भी थी कि इसे उसी स्थान पर शूट किया गया, जहाँ भगत सिंह को फांसी दी गई थी।
7. "चिटगॉन्ग" (2012): यह फिल्म 1930 के चिटगॉन्ग विद्रोह पर आधारित थी, जिसका नेतृत्व स्वतंत्रता सेनानी सूर्य सेन ने किया था। यह फिल्म भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कम ज्ञात कहानियों और विद्रोह में भाग लेने वाले युवाओं पर प्रकाश डालती है।
निर्देशक: बेदब्रत पेन
कहानी: यह फिल्म 1930 के चिटगॉन्ग विद्रोह पर आधारित है, जिसका नेतृत्व स्वतंत्रता सेनानी सूर्य सेन ने किया था। फिल्म में उन युवाओं की कहानी को दर्शाया गया है जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया और चिटगॉन्ग की ब्रिटिश चौकियों पर हमला किया। फिल्म में विद्रोह की योजना और इसके परिणामों को गहराई से दिखाया गया है।
प्रमुख कलाकार: मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राजकुमार राव
किस्सा: फिल्म में मनोज बाजपेयी ने सूर्य सेन का किरदार निभाया, जो एक सच्चे देशभक्त और क्रांतिकारी थे। इस भूमिका के लिए मनोज ने खुद को पूरी तरह से समर्पित किया। एक किस्सा यह भी है कि फिल्म के क्लाइमेक्स सीन के दौरान, शूटिंग के दौरान मनोज ने असली हथियारों का इस्तेमाल किया, ताकि वे अपने किरदार को और भी जीवंत बना सकें।
8. "खेलें हम जी जान से" (2010): अशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित यह फिल्म चिटगॉन्ग विद्रोह पर आधारित है और उन कम ज्ञात क्रांतिकारियों को दर्शाती है जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इस फिल्म में अभिषेक बच्चन और दीपिका पादुकोण ने अभिनय किया था।
निर्देशक: अशुतोष गोवारिकर
कहानी: यह फिल्म चिटगॉन्ग विद्रोह पर आधारित है और उन अनजान क्रांतिकारियों की कहानी बताती है जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। फिल्म में अभिषेक बच्चन ने सूर्य सेन की भूमिका निभाई है, जो विद्रोह का नेतृत्व करते हैं। फिल्म में विद्रोह की योजना और इसके अमल की प्रक्रिया को दर्शाया गया है।
किस्सा: अशुतोष गोवारिकर ने इस फिल्म के लिए वास्तविक स्थानों पर शूटिंग करने का फैसला किया, ताकि दर्शक स्वतंत्रता संग्राम के वास्तविक माहौल का अनुभव कर सकें। फिल्म की शूटिंग के दौरान, दीपिका पादुकोण और अभिषेक बच्चन ने उन स्थानों का दौरा किया, जहाँ वास्तविक घटनाएँ घटित हुई थीं, ताकि वे अपने किरदारों को और भी प्रभावशाली बना सकें।
9. "नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो" (2005): श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सुभाष चंद्र बोस के जीवन को दर्शाया गया है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान धुरी शक्तियों की मदद से भारत को स्वतंत्र कराने का प्रयास कर रहे थे।
निर्देशक: श्याम बेनेगल
कहानी: यह फिल्म नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिल्म में उनके जीवन की विभिन्न घटनाओं को दिखाया गया है, जैसे इंडियन नेशनल आर्मी (INA) का गठन, आजाद हिंद फौज की स्थापना, और भारत की स्वतंत्रता के लिए उनके साहसिक प्रयास।
प्रमुख कलाकार: सचिन खेडेकर, कुलभूषण खरबंदा, अरुंधति नाग
किस्सा: सचिन खेडेकर, जिन्होंने नेताजी का किरदार निभाया, ने फिल्म के लिए नेताजी के जीवन और विचारधारा का गहन अध्ययन किया। उन्होंने नेताजी के भाषणों और दस्तावेजों को पढ़ा और उन्हें सही ढंग से प्रस्तुत करने के लिए नेताजी के परिवार से मुलाकात की। इस फिल्म के कई दृश्य वास्तविक स्थानों पर शूट किए गए थे, जहां नेताजी ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे।
10. "सरदार" (1993): यह फिल्म भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर केंद्रित थी, जो भारत के पहले उप प्रधानमंत्री भी बने। इस फिल्म में उनके आधुनिक भारत के निर्माण में रियासतों को एकजुट करने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
निर्देशक: केतन मेहता
कहानी: यह फिल्म सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर आधारित है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे और भारत के पहले उप प्रधानमंत्री बने। फिल्म में उनके संघर्ष, रियासतों के विलय, और आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी भूमिका को दर्शाया गया है।
प्रमुख कलाकार: परेश रावल, अंजू महेंद्रू, बेंजामिन गिलानी
किस्सा: परेश रावल ने सरदार वल्लभभाई पटेल का किरदार निभाया, जो उनके करियर के सबसे प्रतिष्ठित भूमिकाओं में से एक है। फिल्म के निर्देशक केतन मेहता ने सरदार पटेल के जीवन के बारे में गहन शोध किया और उनके किरदार को सटीकता से चित्रित करने के लिए वास्तविक घटनाओं और दस्तावेजों का उपयोग किया। परेश रावल ने सरदार पटेल के तौर-तरीकों और भाषण शैली को बारीकी से अध्ययन किया और अपने किरदार को वास्तविकता के करीब ले जाने के लिए कई महीनों तक अभ्यास किया।
ये फिल्में सिर्फ सिनेमा नहीं बल्कि भारत के समृद्ध इतिहास और स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष की कहानियों को भी प्रदर्शित करती हैं।
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