करैक्टर डेवलपमेंट किसे कहते हैं Character Development कैसे बनाए | Nk Film Academy

करैक्टर डेवलपमेंट किसे कहते हैं Character Development कैसे बनाए



  एक्टिंग में कैरेक्टर डेवलपमेंट का मतलब उस कैरेक्टर से है

जिसे हम करने वाले हैं फॉर एग्जांपल  MS DHONI फिल्म का किरदार Sushant sir  सुशांत सिंह सर ने किया था 

 

तो इसमें कैरेक्टर का गहराई से अध्ययन करना पड़ता है  जिससे उसकी पूरी समझ प्राप्त हो सके 

ताकि उस कैरेक्टर को विश्वासपूर्ण और प्रभावी ढंग से किया जा सके जिससे जो ऑडियंस जो पब्लिक आपको देख रही हैं वह उस कैरेक्टर से जुड़ सके,

 इसे बिल्ड करने के लिए हम कैरेक्टर डेवलपमेंट के अंदर कुछ पॉइंट्स का अध्ययन करेंगे उन्हें समझेंगे

1 Back story- एक्टर अपने कैरेक्टर के लिए बहुत सारी परिस्थितियों बनाते हैं जैसे की उस कैरेक्टर का बचपन शिक्षा रिश्ता और उसके जीवन में हुई घटनाएं शामिल होती है इससे एक्टर को उस कैरेक्टर की मानसिकता और भावनाओं को समझने में मदद मिलती है 


2 Motivation and goal (प्रेरणा और लक्ष्य) - एक्टर को अपने कैरेक्टर के बारे में यह जानना बहुत जरूरी होता है कि वह किन-किन परिस्थितियों में क्या-क्या प्रतिक्रिया करता है

माना कि आप एक्टर बन चुके हो एक्टर बनने की प्रक्रिया में जो स्ट्रगल हुआ कभी आप डिमोटिवेट हुए कभी आपने खुद को मोटिवेट किया, अपने लक्ष्य और गोल के लिए उस बीच में बहुत सी ऐसी कठिनाइयां आई है जैसे  दुख या  सुख आए हैं 

उन सारी परिस्थितियों में आपने क्या-क्या फेस किया और उस फेसिंग टाइम में आपने क्या-क्या प्रतिक्रिया की इसी को ही मोटिवेशन और लक्ष्य कहा जाता है

और यह सब जानने से आपको उस कैरेक्टर की भावनाएं समझ में आएंगे


3 भावनात्मक स्थिति (Emotional state): चरित्र की भावनात्मक स्थिति को समझना और उसे सही तरीके से प्रदर्शित करना करैक्टर डेवलपमेंट का एक प्रमुख हिस्सा है। इससे दर्शक चरित्र के साथ जुड़ाव महसूस कर पाते हैं।


4 शारीरिकता और बॉडी लैंग्वेज [Physicality and body languages]: चरित्र की शारीरिक हरकतों, चाल-ढाल और बॉडी लैंग्वेज को विकसित करना। उदाहरण के लिए, एक आत्मविश्वासी व्यक्ति और एक शर्मीला व्यक्ति अलग-अलग तरीके से चलते और बोलते हैं।


5 वॉइस और स्पीच पैटर्न {Voice and speech patterns}: चरित्र की आवाज़, उच्चारण, और बोलने का तरीका विकसित करना। इससे चरित्र को और अधिक विशिष्ट और यादगार बनाया जा सकता है।


6 रिश्ते {Relations} : चरित्र के अन्य पात्रों के साथ संबंधों को समझना और उनका सही चित्रण करना। यह न केवल चरित्र को बल्कि पूरी कहानी को जीवंत बनाता है।


7 रिहर्सल और फीडबैक: विभिन्न रिहर्सल के दौरान चरित्र की गहराई को परखना और निर्देशक और सह-अभिनेताओं से प्राप्त फीडबैक का उपयोग करके उसे सुधारना।


करैक्टर डेवलपमेंट एक सतत प्रक्रिया है जो अभिनेता को चरित्र के प्रति एक गहरा और प्रामाणिक संबंध बनाने में मदद करती है। इससे दर्शकों के सामने एक विश्वसनीय और संवेदनशील प्रदर्शन प्रस्तुत करना संभव हो पाता है।


और ज्यादा समझने के लिए मेरे यूट्यूब चैनल पर जाए - नाम - Nk Film Academy 

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